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  नवरात्रि पर मिलेगा डोमिनोज़ का शाकाहारी पिज्जा

Image(Representational) Courtesy: Onegreenplanet.org

नवरात्रि के दौरान माँसाहारी व्यंजनों की बिक्री कम होने से चिंतित डोमिनोज़ पिज्जा ने केवल वेज फूड प्रोडक्ट बेचने का फैसला किया है। अगले महीने से शुरू होने वाले नवरात्रि के त्यौहार के लिए अमेरिकी पिज्जा कंपनी डोमिनोज़ ने यह रणनीति अपनाई है। पिछले दो सालों से कंपनी ने पाया था कि नवरात्रि के दौरान उसके खाद्य उत्पादों की बिक्री काफी कम हो जाती है क्योंकि इस अवधि में लोग मांसाहार त्याग देते हैं।

कंपनी इसके लिए उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अपने करीब 500 केंद्रों में नवरात्रि के दौरान मांसाहारी खाद्य उत्पाद नहीं परोसेगी। नवरात्रि के दौरान मेन्यू में सिंघाड़े के आटा के पिज्जा होंगे। प्याज, लहसुन और अदरक भी इसमें नहीं रहेंगे। पिज्जा बनाने में साबूदाना और खड़े नमक का इस्तेमाल किया जाएगा।

​​​​​​​कंपनी चाहती है कि नवरात्रि के दिनों में भी उसके ग्राहकों की संख्या में कमी न आए, और इसके लिए वह ग्राहकों की प्रवृत्ति के अनुसार अपने मैन्यू में तब्दीली करने को तैयार हो गई है। हालाँकि, इससे उन ग्राहकों को दिक्कत हो सकती है, जो नवरात्रि पर भी मांसाहार करना पसंद करते हैं।

​​​​​​​डोमिनोज पिज्जा इंडिया के अध्य्क्ष देव अमृतेश इस बात को मानते है कि कि नवरात्रि के दौरान नॉन वेज फूड की माँग घट जाती है। उनका कहना है कि ग्लोबल ब्रांड डोमिनोज पिज्जा को भी इस बात का अहसास हो गया है और वह ग्राहकों की सांस्कृतिक जरूरतों को लेकर सजग है, इसलिए कंपनी अब वेज मैन्यू तैयार कर रही है और यह संभव भी है क्योंकि पिज्जा में कई तरह के बदलाव किए जा सकते हैं।

हालाँकि, डोमिनोज़ के स्टोरों को शुद्ध शाकाहारी बना पाना बहुत कठिन है और कंपनी को इसलिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन सांस्कृतिक स्वीकार्यता बढ़ाने के चक्कर में वह ये सब कवायद करने को तैयार है। कंपनी के अधिकारियों को उम्मीद है कि शाकाहारी मैन्यू पेश करने से उनकी बिक्री पूरे वर्ष भर समान रह सकेगी।

 


  अब बुजुर्ग यात्रियों को ट्रेन किराए में छूट पर भी संकट मँडराया


Image Courtesy: Hindubusinessline.com

ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया लागू करने के बाद भी अगर आम नागरिक समझते हैं कि रेलमंत्री उन्हें और तंग नहीं करेंगे, तो ये उनकी भूल है। अगली गाज अब बुजुर्ग यात्रियों पर पड़ने वाली है।
रेल मंत्रालय अब उन बुजुर्ग यात्रियों को यात्री किराए में मिलने वाली छूट वापस करने वाला है जो अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ यात्रा करेंगे। मंत्रालय ने 31 अगस्त को सभी डिवीजन कर्मशियल मैनेजरों के लिए सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि बुजुर्ग यात्री के साथ उनके परिजन यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें किराए में छूट न दी जाए। यानी अब किसी बुजुर्ग को

किराए में छूट तभी मिलेगी, जब वह अपने परिवार वालों के साथ यात्रा न कर रहा हो।

सर्कुलर के अनुसार, अगर बुजुर्ग के परिवार के लोग अलग कोच में आरक्षण कराते हैं, तो बुजुर्ग को किराए में छूट मिल सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बुजुर्ग यात्रियों को केवल लोअर बर्थ पर ही रिजर्वेशन मिल सकेगा।
 
इस नए नियम के लागू होने के बाद बुजुर्ग यात्रियों पर बोझ पड़ेगा। अगर उनके परिवारजन अलग से टिकट लेंगे तो बहुत संभव है कि उनकी सीट किसी और कोच में होगी। ऐसे में बुजुर्ग और खासतौर पर बीमार तथा अशक्त लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

रेलवे पहले ही प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाकर यात्रियों पर बोझ बढ़ा चुका है। इसके बाद टिकट वापसी पर मिलने वाले रिफंड में भी कटौती की गई है। कुछ ट्रेनों पर किराये को भी फ्लैक्सी बनाया गया है जिसके अनुसार जैसे जैसे टिकट बिकते जाएंगे, वैसे-वैसे टिकट महँगा होता जाएगा।

रेल मंत्रालय की बुजुर्ग यात्रियों को दी जा रही छूट लंबे समय से अखर रही है, और इसे वह बहुत बड़ा बोझ मानकर चल रहा है। पहले रेलवे ने गैस सब्सिडी की तर्ज पर बुजुर्ग यात्रियों से रेल किराए में मिलने वाली छूट छोड़ने की भी अपील की थी।
 
 


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  नवरात्रि पर मिलेगा डोमिनोज़ का शाकाहारी पिज्जा

Image(Representational) Courtesy: Onegreenplanet.org

नवरात्रि के दौरान माँसाहारी व्यंजनों की बिक्री कम होने से चिंतित डोमिनोज़ पिज्जा ने केवल वेज फूड प्रोडक्ट बेचने का फैसला किया है। अगले महीने से शुरू होने वाले नवरात्रि के त्यौहार के लिए अमेरिकी पिज्जा कंपनी डोमिनोज़ ने यह रणनीति अपनाई है। पिछले दो सालों से कंपनी ने पाया था कि नवरात्रि के दौरान उसके खाद्य उत्पादों की बिक्री काफी कम हो जाती है क्योंकि इस अवधि में लोग मांसाहार त्याग देते हैं।

कंपनी इसके लिए उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अपने करीब 500 केंद्रों में नवरात्रि के दौरान मांसाहारी खाद्य उत्पाद नहीं परोसेगी। नवरात्रि के दौरान मेन्यू में सिंघाड़े के आटा के पिज्जा होंगे। प्याज, लहसुन और अदरक भी इसमें नहीं रहेंगे। पिज्जा बनाने में साबूदाना और खड़े नमक का इस्तेमाल किया जाएगा।

​​​​​​​कंपनी चाहती है कि नवरात्रि के दिनों में भी उसके ग्राहकों की संख्या में कमी न आए, और इसके लिए वह ग्राहकों की प्रवृत्ति के अनुसार अपने मैन्यू में तब्दीली करने को तैयार हो गई है। हालाँकि, इससे उन ग्राहकों को दिक्कत हो सकती है, जो नवरात्रि पर भी मांसाहार करना पसंद करते हैं।

​​​​​​​डोमिनोज पिज्जा इंडिया के अध्य्क्ष देव अमृतेश इस बात को मानते है कि कि नवरात्रि के दौरान नॉन वेज फूड की माँग घट जाती है। उनका कहना है कि ग्लोबल ब्रांड डोमिनोज पिज्जा को भी इस बात का अहसास हो गया है और वह ग्राहकों की सांस्कृतिक जरूरतों को लेकर सजग है, इसलिए कंपनी अब वेज मैन्यू तैयार कर रही है और यह संभव भी है क्योंकि पिज्जा में कई तरह के बदलाव किए जा सकते हैं।

हालाँकि, डोमिनोज़ के स्टोरों को शुद्ध शाकाहारी बना पाना बहुत कठिन है और कंपनी को इसलिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन सांस्कृतिक स्वीकार्यता बढ़ाने के चक्कर में वह ये सब कवायद करने को तैयार है। कंपनी के अधिकारियों को उम्मीद है कि शाकाहारी मैन्यू पेश करने से उनकी बिक्री पूरे वर्ष भर समान रह सकेगी।

 


  अब बुजुर्ग यात्रियों को ट्रेन किराए में छूट पर भी संकट मँडराया


Image Courtesy: Hindubusinessline.com

ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया लागू करने के बाद भी अगर आम नागरिक समझते हैं कि रेलमंत्री उन्हें और तंग नहीं करेंगे, तो ये उनकी भूल है। अगली गाज अब बुजुर्ग यात्रियों पर पड़ने वाली है।
रेल मंत्रालय अब उन बुजुर्ग यात्रियों को यात्री किराए में मिलने वाली छूट वापस करने वाला है जो अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ यात्रा करेंगे। मंत्रालय ने 31 अगस्त को सभी डिवीजन कर्मशियल मैनेजरों के लिए सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि बुजुर्ग यात्री के साथ उनके परिजन यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें किराए में छूट न दी जाए। यानी अब किसी बुजुर्ग को

किराए में छूट तभी मिलेगी, जब वह अपने परिवार वालों के साथ यात्रा न कर रहा हो।

सर्कुलर के अनुसार, अगर बुजुर्ग के परिवार के लोग अलग कोच में आरक्षण कराते हैं, तो बुजुर्ग को किराए में छूट मिल सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि बुजुर्ग यात्रियों को केवल लोअर बर्थ पर ही रिजर्वेशन मिल सकेगा।
 
इस नए नियम के लागू होने के बाद बुजुर्ग यात्रियों पर बोझ पड़ेगा। अगर उनके परिवारजन अलग से टिकट लेंगे तो बहुत संभव है कि उनकी सीट किसी और कोच में होगी। ऐसे में बुजुर्ग और खासतौर पर बीमार तथा अशक्त लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

रेलवे पहले ही प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाकर यात्रियों पर बोझ बढ़ा चुका है। इसके बाद टिकट वापसी पर मिलने वाले रिफंड में भी कटौती की गई है। कुछ ट्रेनों पर किराये को भी फ्लैक्सी बनाया गया है जिसके अनुसार जैसे जैसे टिकट बिकते जाएंगे, वैसे-वैसे टिकट महँगा होता जाएगा।

रेल मंत्रालय की बुजुर्ग यात्रियों को दी जा रही छूट लंबे समय से अखर रही है, और इसे वह बहुत बड़ा बोझ मानकर चल रहा है। पहले रेलवे ने गैस सब्सिडी की तर्ज पर बुजुर्ग यात्रियों से रेल किराए में मिलने वाली छूट छोड़ने की भी अपील की थी।
 
 


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