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वाल्मीकि का अपमान करने पर मीनाक्षी लेखी का विरोध

बुधवार: दिल्ली में "वाल्मीकि सम्मान समारोह" में भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने महिषासुर के साथ-साथ महर्षि वाल्मीकि का भी जमकर अपमान किया। श्रीमती लेखी ने बार-बार महिषासुर को राक्षस और वाल्मीकि को डाकू बोला, जिसके बाद समारोह में जमकर बवाल हुआ। मीनाक्षी लेखी जब भाषण खत्म कर चुकीं, तब सुप्रीम कोर्ट के वकील एडवोकेट प्रमोद कुमार ने उनके सामने कड़ा विरोध जताया। हालात यहाँ तक हो गए कि सांसद मीनाक्षी के साथ आए लोगों ने एडवोकेट प्रमोद के साथ गाली-गलौज तक की।

Meenakshi lekhi

मीनाक्षी लेखी ने भी कहा कि अगर वे उनके विचारों से सहमत नहीं हों तो सभा से बाहर निकल जाएँ वरना धक्के मारकर निकलवा दिया जाएगा। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुए वाल्मीकि सम्मान समारोह का आयोजन वाल्मीकि समाज ने किया था और इसी कार्यक्रम में महिषासुर के साथ-साथ वाल्मीकि के लिए भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल सांसद मीनीक्षी लेखी करती रहीं। भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, सांसद मनोज तिवारी, सांसद महेश गिरि और कई भाजपा नेता इस कार्यक्रम में उपथित थे।

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा अपने भाषण  के दौरान बार- बार  महिषासुर को "राक्षस" और वाल्मीकि को "डकैत" जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर सभा में उपस्थित सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और एंटी करप्शन कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष एडवोकेट प्रमोद कुमार ने कड़ा विरोध किया। दोनों के बीच तीखी बहस हुई। एडवोकेट प्रमोद कुमार ने मीनाक्षी लेखी को इतिहास पढ़कर आने और तब सभा को संबोधित करने की बात कही। प्रमोद कुमार ने कहा कि इस तरह से करोड़ों लोगों के लिए सम्मानित महिषासुर और वाल्मीकि के लिए अपमानजक शब्द का इस्तेमाल करना सही नहीं है और न ही ये सांसद की गरिमा के अनुरूप है।

मीनाक्षी लेखी द्वारा धक्के मारकर निकलवा देने की धमकी पर एडवोकेट प्रमोद कुमार ने कहा कि ये भाजपा की तानाशाही को दर्शाता है। ये किसी के लिए भी अपमानजनक शब्द बोल सकते हैं, इतिहास को गलत तरीके से पेश कर सकते हैं, और कोई उसका विरोध करे तो उसके साथ हाथा-पाई पर उतर आते हैं।

एडवोकेट प्रमोद कुमार ने कहा कि भाजपा का असली चेहरा सामने आ चुका है और दलितों-पिछड़ों को समझ लेना चाहिए कि भाजपा और उसके नेता उनकी और उनके ऐतिहासिक पात्रों का अपमान करने को ही संस्कृति समझती है।

जब एडवोकेट प्रमोद कुमार के साथियों ने  मीनाक्षी लेखी से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की तो मीनाक्षी  लेखी के साथ आए लोगों  और गार्डों ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी की। सभा में मौजूद कई लोगों ने भी एडवोकेट प्रमोद कुमार और उनके साथियों की बात का समर्थन किया और मीनाक्षी लेखी के भाषण और उनके रवैये की आलोचना की।

बाद में बात संभालने के लिए मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट पर वाल्मीकि की तारीफ करनी शुरू कर दी। उन्होंने वाल्मीकि को न केवल रामायण रचने का श्रेय दिया, बल्कि सीता और लव-कुश के पालन-पोषण के लिए भी उनकी तारीफ की।

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