रांची। झारखंड के बीजेपी मुख्यमंत्री रघुवर दास को रविवार को जूतों और चप्पलों से आक्रोश झेलना पड़ा। झारखंड में खरसावां के शहीद स्थल पर रविवार को आयोजित शहीद दिवस समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि देने आए मुख्यमंत्री रघुवर दास को आदिवासी समुदाय के लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। तल्ख विरोध के बीच मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाते हुए वापस जाओ के नारे लगाते रहे। सीएम के श्रद्धांजलि देकर वापस जाने के समय जूते-चप्पल उछाले गए। जबकि शहीद दिवस समारोह में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिलते ही आदिवासी संगठन के लोग उग्र हो गए और शहीद स्थल पर ही प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री वापस जाओ, रघुवर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। भीड़ ने सीएनटी (छोटानागपुर टिनेंसी)-एसपीटी (संथाल परगना टिनेंसी) एक्ट संशोधन का विरोध करते हुए नारेबाजी की।
उपायुक्त के. श्रीनिवासन एवं पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन आदिवासी समुदाय के लोग अपनी जिद पर अड़े रहे। जब मुख्यमंत्री श्रद्धांजलि देने शहीद स्थल पहुंचे तो लोगों ने शहीद बेदी का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।
पलक झपकते ही बड़ी संख्या में काले झंडे लहराने लगे और मुख्यमंत्री और बीजेपी के विरोध में नारेबाजी होने लगी। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ आदिवासी समाज के लोग धक्कामुक्की करने लगे। लोगों ने मुख्यमंत्री को लगभग आधे घंटे तक रोके रखा।
काफी प्रयास के बाद मुख्यमंत्री शहीद बेदी तक पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देकर जैसे ही मुख्यमंत्री शहीद बेदी से बाहर निकले, आदिवासी समुदाय के लोग सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए जूते-चप्पल एवं कुर्सियां उछालने लगे तथा काले झंडे दिखाने लगे। इस पर पुलिस बिल्कुल लाचार दिखी।
यह पूरा वाकया लगभग एक घंटे तक चलता रहा। कड़ी मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री को उनकी कार तक पहुंचाया गया, जहां से वे हैलीपैड पहुंचे और फिर जमशेदपुर के लिए रवाना हो गए।
Courtesy: National Dastak