ये है एमपी की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, कचरे के रिक्शे में पोस्टमार्टम के लिए ले जानी पड़ी लाश

नई दिल्ली। कब तक गरीब लोग प्रशासन की लापरवाही को झेलते रहेंगे। कुछ दिन पहले दाना मांझी जैसे केस में भी प्रशासन की लापरवाही देखी गई थी। उस खबर के बाद ना जाने कितनी ही ऐसी खबरे सामने आ चुकी है जो प्रशासन की पोल खोलती दिखती है।
 
ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर में सामने आया है। जिसमें प्रशासन की अनदेखी का मामला दिखा है। बता दें कि एम्बुलेंस न मिलने पर एक युवक को अपने भाई का शव कचरा और कबाड़ ढोने वाले रिक्शे में रखकर पोस्टमार्टम कराने ले जाना पड़ा। इसके साथ ही वह वापस घर भी शव को उसी रिक्शे में लाया।


 
क्या है मामला
बता दें कि छतरपुर शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के बसारी दरवाजा संकटमोचन मार्ग पर देर रात 25 वर्षीय गफ्फार S/O बहादुर खान की मौत हो गई थी। लेकिन जब सोमवार सुबह सफाईकर्मी सफाई कर रहे थे, तो तिराहे पर दुकान के चबूतरे पर मृतक का शव पड़ा मिला। 
 

 
इस मामले कि जानकारी लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। हालांकि पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली। बता दें कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है युवक शराब पीने का आदी था। शायद किसी वाहन की टक्कर के बाद वो चबूतरे पर बैठ गया होगा। गहरी चोट और ठंड के कारण उसकी मौत हो गई।
 

 
मृतक के भाई के मुताबिक
मृतके के भाई का कहना है कि, हम सुबह 6 बजे से 11 बजे तक एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। तब हम रिक्शे में भाई का शव पोस्टमार्टम के लिए ले गए। वापस भी रिक्शे पर लाए।
 

 
मामले पर CMHO का कहना 
पूरे मामले पर CMHO वीके गुप्ता ने एम्बुलेंस न मिलने के सवाल पर दो टूक कहा कि, शहर क्षेत्र में यह व्यवस्था नगरपालिका की है। जिला अस्पताल का इसमें कोई रोल नहीं है। उनके पास शव वाहन नहीं है।

Courtesy: National Dastak
 

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