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ये क्या हो रहा है अमित शाह !! अब हरियाणा में भी दिखाए काले झंडे

ये क्या हो रहा है अमित शाह !!  


Image Courtesy:Patrika.com

2014 के लोकसभा चुनावों के समय लोकप्रियता के शिखर पर रहे भाजपा और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष को अब लगातार जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात में पाटीदारों के सम्मेलन में भाषण अधूरा छोड़कर भागने को मजबूर हुए अमित शाह को अब हरियाणा में भी काले झंडे दिखाए गए हैं।

रविवार को जींद में केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह द्वारा आयोजित गौरव सम्मान रैली में भी मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की मौजूदगी में ही अमित शाह को जूनियर बेसिक टीचरों ने काले झंडे दिखाए।

खास बात ये रही कि गुजरात के सूरत के पाटीदार सम्मेलन की तरह जींद में भी पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे और किसी को भी काले कपड़े रैली स्थल पर ले जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद कई महिला शिक्षिकाएँ काले कपड़े और झंडे ले जाने और अमित शाह को दिखाने में सफल रहीं।

अमित शाह के सामने विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी होते देख, पुलिस ने तुरंत प्रदर्शनकारियों को रैली स्थल से हटाया। इस वजह से काफी देर रैली में हंगामा होता रहा। प्रदर्शनकारियों को रैली से दूर भगाने के बाद ही रैली हो सकी।

जेबीटी शिक्षक पिछले 119 दिनों से अपनी नियुक्तियों को लेकर धरने पर बैठे हैं, लेकिन भाजपा की मनोहरलाल खट्टर सरकार उनकी माँगों पर विचार करने को तैयार नहीं है। इन शिक्षकों का चयन दो साल पहले हो चुका है, लेकिन अब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है।

अपने खिलाफ लगातार दो प्रदर्शनों से परेशान अमित शाह ने बाद में भाषण देकर कांग्रेस सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की आलोचना की, लेकिन तब तक रैली का मूड बदल चुका था। वैसे मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी दावा किया कि हरियाणा विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारी जेबीटी पहले ही उनके दावों की पोल खोलकर जा चुके थे।

सूरत और जींद में अमित शाह का विरोध उनकी घटती लोकप्रियता और टूटते तिलिस्म का तो प्रतीक है ही, साथ ही दोनों गुजरात और हरियाणा में राज्य सरकार से जनता की बढ़ती नाराजगी का भी प्रतीक है। खास बात ये है कि गुजरात में तो अमित शाह और नरेंद्र मोदी का गृहराज्य होने के नाते सरकार पर सीधा दखल है ही, साथ ही हरियाणा में भी तमाम नेताओं के दावों को दरकिनार कर अपेक्षाकृत गुमनाम और अनुभवहीन मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाना भी इन्हीं दोनों नेताओं का फैसला था।
 
Note: Photographs of chairs being hurled and broken at Amit Shah's Surat meeting last week are available but there are no photographs of the black flags shown in Haryana that have been published by the media. The image used here is from the Surat Patidar material that was disrupted soon after it started on September 8. The photo below taken by AAP MLA Ankit Lal shows Shah furious after the meeting had collapsed.

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